कडक़ती सर्दी ने जवां तो जवां बूढों को भी जमा दिया।
कडक़ती सर्दी ने जवां तो जवां बूढों को भी जमा दिया। गुरुग्राम सतबीर भारद्वाज (पंजाब केसरी) : शाम होते ही कडक़ती सर्दी ने जवां तो जवां बूढों को भी जमा दिया। सायं का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। जिसके चलते दमें के रोगियों से लेकर बुजुर्गों के लिए यह सर्दी जमा देने वाली बन गई। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में जम कर बर्फबारी होने के कारण सर्दी का कोहराम बना हुआ है। इसका असर उत्तरी भारत के समतल इलाके जैसे दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में भी खूब पड़ रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में जहां बर्फबारी ने जीना मुहाल किया है तो वहीं समतल इलाकों में भी तेज ठंड और कोहरे ने लोगों पर सितम ढाया हुआ है। दरअसल, इन दिनों पूरा हरियाणा ठंड की चपेट में इस कदर आ रखा है कि लोगों का घरों से निकलना मुश्किल तो हो ही गया है। साथ ही इससे उनकी रोजमर्रा की जंदगी पर भी असर पड़ रहा है। स्कूल और ऑफिस जाने वाले लोगों को तो खासी दिक्कत का समाना करना पड़ रहा है। ्रसर्दी और धूंध के कारण वाहन भी रेंग रेंग कर चल रहे हैँ। इसका नतीजा यह रहता है कि शहर में दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है। कई कई घंटे लगते हैं बिजली के कटसाइबर सिटी को जीरो कट जोन घोषित करने केबाद भी शहर में कई कई घंटों का बिजली कट लगाया जा रहा है। इन दिनों बिजली के इतने अधिक कट लग रहे हैं कि घर के काम करना भी मुश्किल हो गया है। बिजली न होने से हीटर वगैरा भी काम नहीं कर पाते तो लोगों को आग जलाकर ही ठंड दूर करनी पड़ती है। यही हाल दुकानदारों का भी है, वे अक्सर अपनी दुकानों हीटर लगाकर अपने आपको सर्दी से बचा पा रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि एक महीना या उससे भी अधिक समय तक लोगों को इसी तरह रहने की आदत डालनी पड़ेगी क्योंकि सर्दी अभी कम होने वाली नहीं है। दमें के रोगियों को होती है ज्यादा परेशानीडाक्टर अबरोल का मानना है कि ठिठूरती सर्दी से बचने के लिए बुजुर्गों के अलावा छोटे बच्चों को रूम में हिटर रखना चाहिए। और गर्म कपड़े पहनने चाहिए। दमें के रोगियों को अपनी दवा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि सर्दी अक्सर बुजुर्गों के लिए ज्यादा नुकसानदायक होती है। ऐसे में बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। नोट : खबर के साथ 7एसएटीबी9 फोटो भी है।फोटो कैप्शन : लकड़ी जलाकर अपने आपको सर्दी से बचाते लोग। छाया : सतबीर भारद्वाज
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