घर जाने की बजाय जब मरीज के पास पूरी रात बैठी रही नर्स...
जिंदगी कितनी अजीब है, इसका पता तब चलता है, जब हम किसी कठिन दौर से गुजरते हैं। मिस गोम्स गोवा की मशहूर शख्सियतों में से एक थीं। शायद ही कोई बड़ी पार्टी या आयोजन हो, जिसमें मिस गोम्स को न्यौता न भेजा जाता हो। हर कोई उन्हें पहचानता और उनकी बहुत इज्जत करता था। एक दिन वह अकेली बाजार से कुछ सामान लेने जा रही थीं। उनके ड्राइवर की तबीयत कुछ नासाज थी, इसलिए उन्होंने उसे छुट्टी दे दी थी। पढ़ें- मां की ममता ऐसी होती है कि अपनी जान भी छोटी लगती है
वह खुद ड्राइव करके बाजार जा रही थीं कि तभी एक बड़े ट्रक ने उनकी गाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी। उनकी गाड़ी एक पेड़ से जा टकराई। जल्दी-जल्दी उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन चेहरा इतना जख्मी था कि उन्हें पहचानना मुश्किल था। जब अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया, तो किसी को नहीं पता था कि वह कौन है।
सरकारी अस्पताल के जनरल वॉर्ड में उनका इलाज चल रहा था। रात में जब घर जाने का वक्त हुआ, तो अस्पताल की नर्स रूपा ने देखा कि मिस गोम्स दर्द से कराह रही हैं। रूपा रात भर मिस गोम्स का हाथ सहलाती रहीं। उस दिन रूपा अपने घर वापस नहीं जा पाई। जब डॉक्टर आए, तो रूपा बोली, सर घर जाकर वैसे भी मुझे कोई काम नहीं रहता। और फिर यह कौन हैं, इनके रिश्तेदार कौन हैं, जब तक यह पता नहीं चल जाता, इनका साथ देना हमारा भी तो कर्तव्य है।
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रूपा का यह बर्ताव देखकर अस्पताल में सबके मन में रूपा के लिए इज्जत बढ़ गई। जब तक मिस गोम्स को होश नहीं आया, रूपा अपना काम खत्म करने के बाद, वहीं उनकी बगल में बैठी उनकी सेवा करती रहती। रूपा के प्यार और देखभाल से मिस गोम्स धीरे-धीरे ठीक होने लगीं। जब वह होश में आईं और कुछ बोलने लायक हुईं, तब उनसे मिलने के लिए लोगों की कतार अस्पताल में लग गई। कुछ ही दिनों में उन्हें बड़े अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया। पर जो रूपा ने मिस गोम्स के लिए किया, वह उसे कभी न भूल पाईं।
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