हरियाणा के सीएम का केंद्र को पत्र, सांसद व विधायकों के लिए तय हो शैक्षणिक योग्यता
देश भर में सांसद एवं विधायक बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता निर्धारित करने की बहस के बीच हरियाणा सरकार इसके समर्थन में खुलकर सामने आई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लडऩे वालों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता लागू करने की मांग की है। हरियाणा ने केंद्र को लिखा पत्र, एमएलए के लिए स्नातक और एमपी के लिए स्नातकोत्तर हो अनिवार्य उल्लेखनीय है कि हरियाणा में पंचायत चुनाव में शैक्षिक योग्यता का फार्मूला पहले से लागू है। देश में हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पढ़ी-लिखी पंचायतें हैं । प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव में पुरुषों के लिए 10वीं, महिलाओं के लिए आठवीं तथा दलित महिलाओं के लिए पांचवी पास होने की योग्यता निर्धारित की थी। एनआरआइ युवती ने 42 लाख रुपये ले युवक से की शादी, 12 दिन बाद हाथ मलता रहा दूल्हा हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद देशभर में बहस चली और सरकार के इस फैसले का यह कहते हुए विरोध किया गया था कि विधायक और सांसद बनने के लिए शैक्षिक योग्यता तय नहीं है, लेकिन पंचायत चुनाव में इसे लागू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर कहा है कि देश में विधायक और सांसद यदि पढ़े लिखे लोग बन कर आएंगे तो देश का अभूतपूर्व विकास होगा। सुझाव दिया गया है कि एमएलए के लिए स्नातक और एमपी के लिए स्नातकोत्तर तक की शिक्षा अनिवार्य की जा सकती है। देश का एक बड़ा वर्ग इन दोनों अहम पदों के लिए कम से कम स्नातक की शिक्षा को जरूरी मानता है। इसके पीछे दलील है कि देश के 80 फ़ीसदी एमपी और एमएलए बेहद कम पढ़े लिखे हैं लेकिन विधानसभा और लोकसभा में वह कानून बनाने का काम करते हैं जो कि उचित नहीं है। ऐसे में पढ़ी लिखी व्यवस्था का होना बेहद जरूरी है। : DTH छतरी हो जाएगी बीते जमाने की बात, अब आ गया माइक्रो एंटीना हरियाणा के भिवानी से भाजपा सांसद धर्मवीर भी सांसदों और विधायकों के लिए शैक्षिक योग्यता लागू करने की मांग कर चुके हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा केंद्र सरकार को लिखे गए पत्र के बाद प्रदेश और देश में नहीं बहस चढऩे के पूरे आसार है। मुख्यमंत्री पहले भी केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर हरियाणा में मंत्रियों के पद बढ़ाने की मांग कर चुके हैं।
|