सिटी में 8800 ऑटोरिक्शा, 3000 के मालिक कौन पुलिस के पास भी रिकाॅर्ड नहीं
बस अड्डे से घर जा रही एक युवती के साथ चलते ऑटोरिक्शा में गैंगरेप की वारदात के बाद सुरक्षा व्यवस्था और शहर में ऑटो संचालन पर सवाल उठ रहे हैं। घटना सोमवार रात करीब 8.30 की बताई जा रही है। पीड़िता के मुताबिक आमतौर पर वह बस अड्डे से ऑटोरिक्शा में ही घर लौटती थी। जिस ऑटोरिक्शा में वह बैठी थी, उसमें 6-7 सवारियां और भी थीं, जिनमें से अधिकांश रास्ते में विद्युत नगर के पास उतर गई थीं। ऑटो रिक्शा में दो युवक और चालक ही रह गए थे। जिन्होंने सातरोड के आगे निकलने पर उसके साथ दुराचार किया। शहर की सड़कों पर करीब 8800 ऑटो रिक्शा रात-दिन दौड़ते हैं। इनमें 3000 हजार ऑटो रिक्शा एेसे हैं, जिनका न तो परिवहन विभाग हिसार और न ही पुलिस के पास कोई रिकाॅर्ड है। किसका ऑटो रिक्शा और इन्हें कौन चला रहा, किसी को नहीं पता। ये ऑटो रिक्शा पड़ोसी जिलों से आते हैं। नाइट में सड़कों पर करीब 200 से अधिक ऑटो रिक्शा दौड़ते हैं। इनको दौड़ाने वाले भी बेखौफ हैं, क्योंकि इन्हें शायद ही कभी पुलिस ने चेक करने की जहमत उठाई हो।
ऑटो रिक्शा को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने पिछले दिनों प्लान ऑटो शुरू किया था। इसके तहत पंजीकरण नंबर के अलावा ट्रैफिक पुलिस की ओर से ऑटो रिक्शा को एक स्टीकर दिया था। यह स्टीकर उन्हीं ऑटो रिक्शा को दिया गया, जिनके सभी कागजात पूरे हैं। इस दौरान पुलिस ने चालक और मालिक का पूरा खाका भी नोट किया था। हैरत की बात तो यह है कि इस वेरीफिकेशन में मात्र पुलिस 2700 ऑटो रिक्शा का रिकॉर्ड दर्ज कर पाई। वहीं पुलिस का दावा है कि एक साल में ऑटो रिक्शा के 7 हजार से ज्यादा चालान काटे गए हैं।
महिला थाना : रेप के 59 मामले हैं दर्ज पुलिस में दर्ज आंकड़ों पर नजर डालें तो हिसार में औसतन हर माह रेप के पांच मामले सामने आते हैं। यह तो सिर्फ महिला थाने में आने वाले रेप केसों का आंकड़ा है। इस साल 11 माह और पांच दिन में रेप के 59 मामले महिला थाने में दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा अन्य थानों में रेप के मामले दर्ज हैं। अॉटो में पहले हो चुकीं वारदातें - दिसंबर, 2012 में बस स्टैंड से ऑटो में सवार हुए बीएसएफ कैंप में तैनात फौजी बृजेश कुमार के साथ ऑटो सवारों ने लूटपाट की थी। विरोध किए जाने पर लुटेरों ने फौजी को चाकू मार दिया था। जिससे वह घायल हो गया था। हालांकि बाद में ऑटो चालक पकड़ा गया और अदालत से उसे सात साल की कैद हो गई। - अप्रैल, 2016 में फोर व्हीलर चौक पर महिला से ऑटो चालक की मिलीभगत से 16 हजार का कैश लूट लिया गया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। - पिछले साल रेलवे स्टेशन से कैंट के लिए सवार हुए फौजी के साथ ऑटो में सवार अपराधियों ने लूटपाट की। यही नहीं फौजी को गले में अंगोछे का फंदा फंसाकर मारने का भी प्रयास किया गया। फौजी से कैश और उसका आईकार्ड लूटकर आरोपी फरार हो गए थे। हालांकि ट्रैफिक पुलिस की मदद से पुलिस ने ऑटो चालक एवं उसके साथियों को खोज निकाला था। - फरवरी 2017 में ऑटो में सवार जीजेयू के छात्रों से लूटपाट की कोशिश की गई। छात्रों ने किसी तरह ऑटो से कूदकर अपनी जान बचाई थी। घटना के बाद चालक ऑटो लेकर भाग गया था। वह कौन था आज तक नहीं पकड़ा गया। संदिग्ध ऑटो का सुराग चलते ऑटो में ब्यूटी पार्लर संचालिका से रेप के मामले में जांच पड़ताल में जुटी पुलिस को पीड़िता से ऑटो का अाधा नंबर मिला। इसके बाद महिला थाना पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस से संपर्क साधा और ऑटो को नंबर की पड़ताल की। ट्रैफिक पुलिस के रिकाॅर्ड में तो ऑटो के नंबर का मिलान नहीं हुआ, लेकिन चालान होने वाले ऑटो रिक्शा में उसका नंबर मिला। इसके बाद पुलिस को संदिग्ध ऑटो का सुराग मिला और पुलिस आरोपी के गिरेबां तक पहुंच गई। हालांकि पुलिस फिलहाल उससे पूछताछ कर रही है। पीड़िता का कहना है कि वह आरोपी के सामने आने पर उसे पहचान सकती है। एक साल में 7286 ऑटो रिक्शा के चालान ट्रैफिक पुलिस ऑटो रिक्शा को लेकर संजीदा है। यही वजह है कि पुलिस इनका समय-समय पर चालान भी करती है। इसके अलावा ऑटो रिक्शा इंपाउंड भी किए जाते हैं। एक साल में पुलिस ने 7286 ऑटो रिक्शा के चालान किए। रही बात वारदातों में लिप्त ऑटो रिक्शा चालकों की तो वह किसी भी कीमत पर बच नहीं सकते। रात में चलने वाले ऑटो रिक्शा के खिलाफ कैंपेन चलाया जाएगा। इसके लिए ऑटो यूनियनों के प्रधानों को अवगत कराया जा रहा है।''
|