RBI ने किया निराश, अगले दो महीने नहीं कम होगी आपकी ईएमआई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति का बुधवार को ऐलान करते हुए रेपो रेट दर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। बैंक ने अपने रिवर्स रेपो रेट को भी अगले दो महीनों के लिए यथास्थिति रखने का ऐलान किया है। फिलहाल रेपो रेट 6 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी रहेगा। महंगाई दर बनेगा बड़ा कारणमहंगाई दर के उच्चतम शिखर पर रहने के कारण आरबीआई इस बार रेपो रेट की दरों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। एचडीएफसी बैंक के चीफ इकोनॉमिक एक्सपर्ट अभीक बरूआ ने amarujala.com से बात करते हुए कहा कि आरबीआई के पास इस वक्त कई तरह के ऑप्शन हैं, लेकिन दरें बढ़ेंगी या घटेंगी इस पर आने वाला वक्त तय करेगा। हो सकता है कि रेट कट का फायदा बैंक अभी न देकर के फरवरी में दे। यह बहुत कुछ बुधवार की बैठक में तय होगा।जीडीपी में हुआ इजाफाजुलाई सितंबर के जीडीपी आंकड़ों ने 6.3 फीसदी का आंकड़ा पार किया, जो कि पिछले 5 तिमाही का सबसे ज्यादा है। जीएसटी लागू होने के बाद आए इन आंकड़ों के मुताबिक कोर सेक्टर में 4.7 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली हैं। पिछली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.7 फीसदी रही थी। दूसरी तिमाही में भी जीएसटी का असर दिखना संभव है। हालांकि तिमाही आधार पर जीडीपी में रिकवरी देखने को मिल सकती है। दूसरी ओर सरकार का मानना है कि नवंबर-दिसंबर में जीएसटी कलेक्शन में कमी संभव है। ज्यादा रिफंड और रेट घटने से जीएसटी कलेक्शन में कमी आ सकती है। आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में बनी एमपीसी ने अक्टूबर में पिछली मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा था कि महंगाई दर अपने उच्च स्तर पर है, जिसकी वजह से रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट को 6 फीसदी पर रखा गया है। बैंक रेट और एमएसएफ रेट 6.25 फीसदी पर बरकरार रहेगा। हालांकि आरबीआई ने एसएलआर 0.5 फीसदी घटाकर 19.5 फीसदी किया है। आरबीआई की अगली क्रेडिट पॉलिसी 5-6 दिसंबर के दौरान होगी।घटाया था जीवीए अनुमानआरबीआई ने वित्त वर्ष 2018 के लिए जीवीए अनुमान 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी किया है। रिजर्व बैंक ने अक्टूबर-मार्च में रिटेल महंगाई दर 4.2-4.6 फीसदी रहने का अनुमान दिया है। जनवरी-मार्च 2018 और अप्रैल-जून 2018 में रिटेल महंगाई दर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है। जनवरी-मार्च 2019 में रिटेल महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है।महंगाई दर बढ़ना बना था बड़ी वजहअगस्त में थोक और रिटेल महंगाई दर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली थी। पिछले दो महीने में इसमें 190 बेसिस पाइंट का इजाफा हुआ है। जीएसटी के लागू होने के बाद अक्टूबर से सभी तरह की उपभोक्ता वस्तुओं के दाम भी काफी बढ़ गए हैं, जिससे अभी महंगाई दर और बढ़ सकती है।
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