इंद्रजीत को रिझाने में जुटी इनेलो और भाजपा
इंद्रजीत को रिझाने में जुटी इनेलो और भाजपा - मुख्यमंत्री बनाने का दे रहे हैं प्रलोभन- हरियाणा में है 30 प्रतिशत जाट वोट- इनेलो-हुड्डा का रहेगा दस-दस फीसदी वोटों पर कब्जा- कांग्रेस-भाजपा को मिलेगा 5-5 फीसदी वोट- नए साल में हुड्डा बना सकते हैं नई पार्टी- जाट वोटों में लगी सेंध, तीन जगह बटेंगे चौधरी वोट- नोन जाट की रैली के पीछे भी भाजपा का हाथ- सैनी ने प्रदेश को बांटा जाट और नोन जाट में- इस लड़ाई भाजपा की हुई बल्ले-बल्ले- हुड्डा भी नोन जाटों के साथ पार्टी में फूकेंगे नई जान- मोदी की वृश्चिक लग्र की कुंडली और स्वामी भी मंगल- मंगल केंद्र में होने से 2018 में मोदी का फिर लहराएगा परचम सतबीर भारद्वाज की कलम सेहरियाणा में भाजपा ने अभी से ही अपना चुनावी गणित बैठाना शुरू कर दिया है। क्योंकि चुनाव 2018 के नवंबर और दिसंबर के बीच होंगे। इसके लिए भाजपा ने अभी से ही सबसे पहले जाट वोटों पर हमला बोला और जाट वोट तीन जगह भाजपा आंक कर चल रही है। भाजपा के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी गुजरात चुनाव के तुरंत बाद अब हरियाणा पर ही फोकस कर रही है। भाजपा यह मानकर चल रही है कि फरवरी-मार्च के बीच में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी पार्टी का अलग गठन करके कांगे्रस को अलविदा कह देंगे। यह भाजपा और पूर्व सीएम भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा के अंदर अलग से खिचड़ी पक रही है। ऐसा राजनीतिक सूत्रों का दावा है। सूत्र बताते हैं कि हरियाणा के जाट तीन भागों में भाजपा देखना चाहती है। इसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इस बार दस फीसद जाट वोट मिलने की संभावना है। इसी प्रकार दस फीसदी जाट इनेलो को वोट देंगे। यही राजनीतिक गणित भाजपा अपना जोड़ रही है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस के खाते में पांच फीसद ही जाटों की वोट जा सकती है। क्योंकि भाजपा की राजनीतिक सोच पर इसलिए भी चर्चा हो रही है कि भाजपा के सांसद राजकुमार सैनी ने जाटों के गढ़ के अंदर ऐतिहासिक नोन जाट रैली करके यह झटका दे दिया है कि भाजपा नोन जाट को इक्_ा करने में जुटी है। सूत्र बताते हैं कि जाट नेता भी इस बात को मान रहे हैं कि पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पक्ष में ज्यादा जाट वोट होते थे, लेकिन इस बार नोन जाट की जो रैली हुई है और जाटों के पक्ष में पूर्व सीएम ने कोई बयान नहीं दिया इस बात से जाट नेता उनसे भी नाराज हैं। राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वृश्चिक लग्र की कुंडली है और 2018 में वृश्चिक लग्न का स्वामी मंगल है और प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली भी मंगल की है। ऐसे में मंगल मोदी के पक्ष में कोई भी बड़ा राजनीतिक खेल की सफलता दिलाने में कामयाब रहेगा और राजनीतिक तोड़ फोड़ करने में भी मंगल अपना गुर खिला सकता है। यह राजनीतिक हलकों में चर्चा है।सूत्र बताते हैं कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा 2018 के पहले सप्ताह में ही कांग्रेस पर अपना प्रभाव बनाएंगे कि वो मुख्यमंत्री घोषित करें लेकिन कांग्रेस उनको मुख्यमंत्री घोषित नहीं कर पाएगी। यही वजह है कि प्रधानमंत्री से मिलने के बाद हुड्डा ने नई पार्टी बनाने का मन बना लिया था। इसकी चर्चा में मोदी से भी हो चुकी थी। इस सारे घटनाक्रम पर कांग्रेस की भी नजर है। क्योंकि हरियाणा में भाजपा की सरकार है और नौकरशाह भारी पड़ रहे हैं और आम जनता संतुष्ट नहीं है। यह भी भाजपा पहले ही मानकर चल रही है। यही वजह है कि 2018 में सबसे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसी भी प्रदेश का राज्यपाल बनाकर भेजा जा सकता है और चुनाव का गणित भी तभी बैठेगा। हालांकि इनेलो के लिए भी इस बार कोई खास लहर नहीं है। क्योंकि जब से भाजपा को यह पता चला है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत पर इनेलो डोरे डाल रही है और उसको मुख्यमंत्री घोषित कर सकती है। ऐसे में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत को लॉलीपोप देकर अपनी पार्टी में ही रखने की कोशिश कर रही है। भाजपा भी यह भांप गई है कि राव इंद्रजीत पार्टी छोड़ते हैं तो भाजपा को बड़ा नुकसान होगा और इसकी पूर्ति नहीं हो सकती। केंद्रीय मंत्री भी पहले से ही भांप रहे हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा नहीं पार्टी बनाएंगे और अहीरवाल में सेंधमारी करेंगे। भाजपा भी यह समझ रही है और भाजपा राव इंद्रजीत पर दांव खेलने का विचार कर रही है।
|