नूंह में हो रहे है सकारात्मक और प्रेरणादायक परिवर्तन
नूंह में हो रहे है सकारात्मक और प्रेरणादायक परिवर्तन कृष्ण भारद्वाज (आजतक गुडग़ांव) विषम और विपरीत परिस्थितियों के अंदर भी सकारात्मक परिवर्तन संभव है। इसी का एक उदाहरण है हरियाणा राज्य का नूह (मेवात) शुरू के वर्षों में नूंह को सामाजिक, संस्कृति, संसाधनों व शिक्षा के पैमाने पर अति पिछड़ा व रहने की दृष्टि से नकारात्मक रूप से समझा जाता था क्योंकि अधिकतर लोग इसी दृष्टिकोण से यहाँ आने से पहले ही सोच कर व पाल कर आते थे कि नूहं जिले में सही ढंग से रहने के लिये व शिक्षा के लिये जरूरी संसाधनों का अभाव है तथा कोई भी जुगाड़ करके यहाँ से तबादला करवा कर यहाँ से बाहर या तो अपने ग्रह जिले में या राज्य के अन्य किसी भी जिले में करवाना चाहते थे। नूंह जिले की साक्षरता दर भी उम्मीद से काफी कम थी। इस नकारात्मक शिक्षा के गिरावट के कई आधारभूत कारण भी थे जैसे कि अभिवावकों में शिक्षा की कमी और दृष्टिकोण का अभाव, रोजगार और धंधो की कमी, शिक्षण संस्थानों की कमी, मुस्लिम बहुल जिला होने के कारण अभिवावकों का स्कूली शिक्षा की तुलना में मदरसों की शिक्षा में ज्यादा रुचि लेना, बाहरी जिले के अध्यापकों का निरन्तर अपने जिले में तबादला करवाने की इच्छा रखना और इसके लिये किये जा रहे अंधा धुंध प्रयास और बच्चों और अभिवावकों को शिक्षा से जोडऩे के लिये नही किये गए प्रयास आदि। लेकिन वर्तमान समय मे सरकार, सामाजिक संगठनों के प्रयास और वहाँ के जिला शिक्षा अधिकारियों के द्वारा किए जा रहे सकारात्मकए बच्चों और उनके माता पिता को दिये जा रहे मार्गदर्शन और प्रेरणा और अध्यापकों को अपने व्यवसाय के प्रति प्यार और लगन करने के लिये लगाय जा रहे सेमिनार और कार्यशाला आदि ऐसे कारण भी है जिनके कारण नूह जिले में पहले की तुलना में काफी आमूल चूल सकारात्मक परिवर्तन भी हुए हैं। इसी कड़ी में सच्ची निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रहे नूह जिले के जिला शिक्षा अधिकारी डॉ दिनेश कुमार शर्मा जिन्होंने 2014 में जब से यहाँ पद भार सँभाला है तब से ही उन्होंने अब तक नूह जिले के काफी गांव जहां आज तक शिक्षा अधिकारी न के बराबर ही शायद कोई गए थे वहां डॉ दिनेश कुमार शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से पहुंचकर निरीक्षण कर सही कार्य नही कर रहे कमर्चारियों को धमका कर उनको अपने कार्यों को सही ढंग से करने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिये और सही काम कर रहे कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ाया। सामाजिक और ग्रामीण लोगों से मिलकर उनको सही मायने में शिक्षा प्रकिया से जुडऩे लिये प्रेरित भी किया। आज नंूह जिले में कार्य कर रहे ऐसे अध्यापक भी है जो कि बाहरी जिले से सम्बंध रखते है और स्वयं अपनी इच्छा से अपने जिले से तबादला करा कर नूह में सही से कार्य भी कर रहे और आज नूह जिले के प्रत्येक स्कूल में बच्चों के ज्ञान और जानकारी को बढ़ावा देने के लिये क्लब, साइंस और गणित कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जा रहा है। नूंह में 176557 छात्रों पर है 4500 अध्यापकनूंह में तकरीबन 831 विद्यालय, 4500 के आस पास अध्यापक, और 176557 के आसपास विद्यार्थियों की संख्या है और पूरे हरियाणा राज्य के लिये स्टार अध्यापक नामक नई अवधारणा भी इसी नूह जिले ने दी है, जो अध्यापक अपनी कक्षा में और कक्षा के बाहर शिक्षा के लिये बहुत ही विष्टिश और प्रेरणादायक कार्य कर रहे हैं उन अध्यापकों को स्टार अध्यापक का दर्जा भी दिया गया है और नूंह जिले की इस नई अवधारणा को अब राज्य के दूसरे जिलों भी ग्रहण किया जाने लगा है और इसी नई पहल और जीता जागता उदाहरण है राजकीय प्राथमिक पाठशाला फिरोजपुर नमक नूह का अध्यापक वेद प्रकाश । अध्यापक वेद प्रकाश ने वर्ष 2017 में सरकारी विद्यालय में 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कर मिशाल पेश की ।
|