किसानों के सम्मान में ही रद्द किए गए हैं कृषि कानून: नवीन गोयल
प्रधानमंत्री ने बड़ा ह्दय दिखाते हुए लिया यह निर्णय
गुरुग्राम। पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया किसानों का सम्मान है। सरकार ने देश के किसानों पर तीनों कानून थोंपने की बजाय उन्हें पहले खूब समझाने के प्रयास किए। कई दौर में बातचीत की। आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के सम्मान में ही ये तीनों कृषि कानून रद्द भी कर दिए।
यहां जारी बयान में नवीन गोयल ने कहा कि पार्टी के हर स्तर पर नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ किसानों और विपक्ष के नेताओं ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस निर्णय की सराहना की है। यह उनकी दूरदर्शी सोच और किसानों के प्रति स्नेह को दिखाता है। संसद में कानून पास होने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि बिलों का विरोध कर रहे किसानों से बातचीत के रास्ते हमेशा खोले रखे। वे सदैव अपने मंत्रियों को इस मामले में पहल करते हुए किसानों को समझाने का प्रयास करते रहे। पूरे एक साल तक इस तरह के प्रयास किए गए। यह बहुत ही संयम की बात है। किसानों के आंदोलन के दौरान ही प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए और भी कई निर्णय लिए। फसलों की बिक्री समेत किसानों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में कभी कोई रुकावट नहीं होने दी।
नवीन गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस निर्णय से वे लोग बैकफुट पर आ गए हैं, जिनकी राजनीति किसानों के नाम पर चल रही थी। उनके लिए मुद्दा ही खत्म कर दिया है। यहां तक कि विपक्षी पार्टियों के अनेक वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री के इस निर्णय पर उनका स्वागत किया है। इस तरह के बयान अलग-अलग राज्यों से आए हैं। इस निर्णय से यह साबित हो गया है कि पीएम मोदी किसानों के कितने बड़े हितैषी हैं। वे सदा किसानों का कल्याण ही चाहते हैं। भविष्य में भी वे किसानों के लिए काम करते रहेेंगे।
इस निर्णय से किसी की हार और जीत नहीं हुई, बल्कि इसे किसानों के सम्मान के लिए देखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने खुद इस बात को कहा है कि वे किसानों के सम्मान में यह निर्णय ले रहे हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार सदा किसानों के हित में काम करती है। अब एक आयोग बनेगा, जिसमें किसान संगठन और सरकार के सदस्य होंगे। वे सब मिलकर किसान हित में फैसला लेकर सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे।
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